Ashwagandharisht Syrup
अश्वगंधा सिरप जड़ी-बूटी अश्वगंधा से बना आहार पूरक है, जिसे विथानिया सोमनीफेरा के नाम से भी जाना जाता है। अश्वगंधा का उपयोग आयुर्वेदिक चिकित्सा में हजारों वर्षों से किया जाता रहा है और माना जाता है कि इसके कई स्वास्थ्य लाभ हैं।
तनाव, अनिद्रा, पुरुष प्रजनन क्षमता, गठिया, प्रतिरक्षा बूस्टर और चिंता के रूप में।
जबकि अश्वगंधा सिरप के कुछ स्वास्थ्य लाभ हो सकते हैं, अनुशंसित खुराक का पालन करना और किसी भी संभावित दुष्प्रभाव या अन्य दवाओं या पूरक के साथ बातचीत के बारे में जागरूक होना भी महत्वपूर्ण है।
घटक :- अश्वाग्नध, मूसली, मंजिष्ठा, हरड, हल्दी, दारुहल्दी, मुलेठी, विदारीकन्द, अर्जुनछाल,
नागरमोथा, निशोथ, अनन्तमूल सफ़ेद, अनन्तमूल काला, सफ़ेद चन्दन, चित्रक,
धाय पुष्प, त्रिकुटा, त्रिजात और नागकेशर
रोगाधिकार :- इसके सेवन से अपस्मार मूर्छा उन्माद अर्श मन्दाग्नि तथा वातज रोग नष्ट हो जाते है
सेवन विधि :- १०-२० मिली सुबह शाम भोजन के बाद संभाग जल मिलाकर अथवा चिकित्सक के परामर्शनुसार
यह आयुर्वेदिक दवाई है | इसके सेवन से शरीर, मांसपेशियों, पाचन व दिमाग को तंदरुस्त करने में सहायक है | यह ह्रदय, मस्तिष्क व मांसपेशियों को बल देती है
Ashwagandha syrup is a dietary supplement made from the herb ashwagandha, also known as Withania somnifera. Ashwagandha has been used in Ayurvedic medicine for thousands of years and is believed to have a range of health benefits.
Ashwagandha syrup typically contains a concentrated extract of the herb mixed and it's is widely used for
Stress , insomnia , male fertility, arthritis, as immunity booster and anxiety .
While ashwagandha syrup may have some health benefits, it is important to note that it is not a substitute for medical treatment or advice from a healthcare professional. It is also important to follow the recommended dosage and to be aware of any potential side effects or interactions with other medications or supplements.
Components :- Ashwagandha, Musli, Manjishtha, Harad, Turmeric, Daruhaldi, Mulethi, Vidarikand, Arjunchhal,
Nagarmotha, Nishoth, Eternal white, Eternal black, White sandalwood, Chitrak,
Dhay Pushp, Trikuta, Trijat and Nagkeshar
Remedy :- By consuming this, epilepsy, fainting, mania, Arsh Mandagni and Vataj diseases are destroyed.
Method of intake :- 10-20 ml in the morning and evening after meals by mixing with water or as per the doctor's advice.
This is Ayurvedic medicine. Its use helps in healing the body, muscles, digestion and mind. It strengthens the heart, brain and muscles