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Triphala Yog

Rs. 125.00/-     Rs. 125.00

त्रिफला योग चूर्ण- कब्ज से राहत दिलाता है, पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है, आँखों के लिए अच्छा है त्रिफला योग चूर्ण को सबसे प्रभावी और सुरक्षित रेचक माना जाता है यह शरीर के भंडार को कम किए बिना शरीर के मल त्याग को साफ करता है त्रिफला योग चूर्ण पाचन संबंधी विकार, कब्ज, हाइपरएसिडिटी, सिरदर्द, संक्रमण, रक्त अशुद्धता, उच्च कोलेस्ट्रॉल, सामान्य शारीरिक कमजोरी और कई अन्य लक्षणों और बीमारियों को कम करता हैं पाचन में सुधार और विषाक्त पदार्थों को हटाने के साथ, पंचगव्य त्रिफला योग चूर्ण भूख को बढ़ाकर वजन प्रबंधन में भी सहायता करता है, साथ ही त्वचा और बालों के स्वास्थ्य को भी बढ़ावा देता है शक्तिशाली जड़ी-बूटियों से बना पंचगव्य त्रिफला योग चूर्ण कब्ज को कम करने और चयापचय प्रक्रिया को विनियमित करने में मदद करता है। नियमित सेवन से यह एक खुशहाल और स्वस्थ आंत को बढ़ावा देता है।  तीन आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों - आमलकी, बिभीतकी और हरीतकी के गुणों से भरपूर, पंचगव्य त्रिफला योग चूर्ण शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर है। आंवला के समृद्ध स्रोत के रूप में, यह रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले गुणों से भरपूर है।

त्रिफला तीन आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का मिश्रण होता है।      

हरड, बहेड़ा, आंवला

रोगाधिकार 

त्रिफला योग चूर्ण को हर उम्र के लोग रसायन औषधि के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके अलावा त्रिफला के नियमित सेवन से पेट से जुड़ी बीमारियों से बचाव होता है। यह औषधि डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर जैसे गंभीर रोगों में भी लाभकारी है।

त्रिफला की सामान्य खुराक

रात को सोते समय 3 से 9 ग्राम त्रिफला चूर्ण गर्म पानी या दूध के साथ ले सकते हैं। इसके अलावा विषम भाग घी या शहद के साथ भी इसे लिया जा सकता है।

 

200 gm


त्रिफला योग चूर्ण के फायदे

त्रिफला योग चूर्ण को हर उम्र के लोग रसायन औषधि के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके अलावा त्रिफला के नियमित सेवन से पेट से जुड़ी बीमारियों से बचाव होता है। यह औषधि डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर जैसे गंभीर रोगों में भी लाभकारी है। आइये इसके कुछ प्रमुख फायदों के बारे में विस्तार से जानते हैं।

कब्ज़ दूर करने में सहायक

आयुर्वेद में कब्ज़ को कई गंभीर रोगों की जड़ बताया गया है। अगर आप कब्ज़ से पीड़ित हैं तो आगे चलकर बवासीर, भगंदर जैसी कई गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। पंचगव्य त्रिफला योग चूर्ण कब्ज़ दूर करने की कारगर औषधि मानी जाती है। यह पुराने कब्ज़ से पीड़ित मरीजों के लिए भी बहुत उपयोगी है।

उपयोग विधि : कब्ज़ दूर करने के लिए रोजाना रात में सोने से पहले गुनगुने पानी में एक चम्मच त्रिफला चूर्ण मिलाकर सेवन करें।

पेट में गैस की समस्या (एसिडिटी) से राहत

कब्ज़ के अलावा पेट से जुड़ी एक और समस्या है एसिडिटी जिससे अधिकांश लोग परेशान रहते हैं। यह समस्या गलत खानपान और अनियमित रहन सहन की वजह से होती है। त्रिफला चूर्ण पेट फूलने, पेट में गैस की समस्या (हाइपरएसिडिटी) आदि सभी रोगों से आराम दिलाता है।

उपयोग विधि :  आधे चम्मच त्रिफला चूर्ण को पानी के साथ रोजाना सुबह दोपहर और शाम को लें।

आंखों के लिए फायदेमंद

बहुत कम लोग इस बारे में जानते हैं कि त्रिफला चूर्ण आखों के लिए भी फायदेमंद है। यह आंखों को स्वस्थ रखने के साथ-साथ आंखों को अनेक रोगों से बचाता भी है।

उपयोग विधि : एक चम्मच त्रिफला योग चूर्ण को रात भर के लिए ठंडे पानी में भिगोकर रख दें। अगली सुबह इसे छानकर पानी अलग कर लें और उस पानी से आंखों को अच्छी तरह धोएं। ऐसा करने से आंखों की रोशनी बढ़ती है और आंखों से जुड़े अनेक रोगों से बचाव होता है।

पाचन शक्ति बढ़ाता है

पाचन शक्ति कमजोर होने से कई बीमारियां का खतरा बढ़ जाता है। आयुर्वेद के अनुसार त्रिफला में ऐसे गुण हैं जो पाचन शक्ति को मजबूत बनाते हैं और पेट संबंधी रोगों का खतरा कम करते हैं। इसलिए अगर आपकी पाचन शक्ति कमजोर है तो चिकित्सक की सलाह लेकर त्रिफला का सेवन शुरू कर दें।

मूत्र संबंधी समस्याओं में लाभकारी

त्रिफला चूर्ण मूत्र संबंधी समस्याओं में भी उपयोगी है। इसके सेवन से रूक-रूक कर पेशाब आना, पेशाब में जलन आदि समस्याओं से आराम मिलता है।

उपयोग विधि :  त्रिफला, अनार और चिरौंजी का साथ में सेवन मूत्र संबंधी समस्याओं में उपयोगी है।